उत्पाद वर्णन: सागरिका एक समुद्री उत्पाद है जो फसल उत्पादकता वृद्धि के लिए बनाया गया है जिसे लाल समुद्री शैवाल (कप्पाफाइकस अल्वारेज़ी) से लिया गया है जिसकी खेती भारत के दक्षिण -पूर्व तटों के किनारे समुद्री जल में की जाती है। सागरिका एक कार्बनिक उत्पाद है जो पौधा विकास प्रवर्तक के रूप में काम करता है।
संघटक: कुल घुलनशील ठोस पदार्थ: 28%, समुद्री शैवाल अर्क (लाल और भूरा शैवाल), प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, अकार्बनिक लवण और अन्य अंतर्निहित पोषक तत्व, विटामिन, आदि।
फसल: सभी खेत की फसलों, दालों, तिलहन, बागवानी और सब्जी की फसलों, चीनी और फाइबर फसलों, वृक्षारोपण फसलों, औषधीय और सुगंधित फसलों के लिए उपयुक्त
विशेषताएँ
सागरिका एक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद है, इसका कोई फाइटोटॉक्सिक प्रभाव नहीं है और सतत कृषि के लिए उपयुक्त है।
यह मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया को बढ़ाने का कार्य करती है और फसल के विकास को उत्तेजित करती है।
सागरिका फसल की पैदावार को बढ़ाता है, पौधे की ताक़त को बेहतर करता है, जड़ और तनों की वृद्धि, अधिक फूल और फल, यह फसलों को पूर्ण पोषण संबंधी लाभ देता है।
सागरिका फसलों की शारीरिक दक्षता को बढ़ाता है, जिससे पौधे मिट्टी से अधिक पोषक तत्व ले पाते हैं।
यह गुणवत्ता में सुधार करता है - बेहतर आकृति, आकार, एकरूपता, रंग और फलों का स्वाद।
सागरिका फसलों की तनाव सहिष्णुता क्षमता और कीटों- रोगों के खिलाफ प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाता है।
फसलें - सब्जियां, बागवानी फसलें
आवेदन : ओस के वाष्पित होने के बाद सुबह स्प्रे करें
पहला स्प्रे - पौधे के स्थापना चरण/ कल्ले फूटने की चरण
दूसरा स्प्रे -फूल लगने से पहले के चरण में
तीसरा स्प्रे -फूल लगने के बाद की अवस्था
खुराक:250 मिलीलीटर / एकड़ या 2.5 - 5.0 मिलीलीटर सागरिका को प्रति लीटर पानी में मिलकर फसल चरण के अनुसार घोल बनाकर छिड़काव करें।