खेती अमृत एनपी के. जैवउर्वरक प्राथमिक पोषक तत्वों नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम से बनी खनिज सामग्री का मिश्रण है जो किसी भी स्वस्थ पौधे के विकास के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। इसका उपयोग सभी फसलों के लिए किया जाता है और यह वायुमंडलीय नाइट्रोजन के संघटन को बढ़ाता है, फॉस्फोरस के अनुपलब्ध रूप को घुलनशील बनाता है, और पोटेशियम को एकत्रित कर पौधों को उपलब्ध कराता है।
(एनपीके कंसोर्टिया) नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जीवाणुनाशक जैविक उत्पाद
फसलें
सभी प्रकार के दलहन एवं तिलहन।
कार्रवाई की विधी
उपयोग के लिए निर्देश: बीज उपचार: 20 मिलीलीटर खेती अमृत को 30 मिलीलीटर पानी के साथ 1 किलोग्राम बीज में मिलाकर लें और बीज को बुआई से पहले या बुआई के 24 घंटे पहले छाया में सुखा लें।
मृदा उपचार: 1 लीटर लें। खेती अमृत को फिम या कैरियर के साथ अच्छी तरह मिला लें. अंतिम जुताई से पहले सामग्री को 1 एकड़ भूमि में फैला दें।
ड्रिप सिंचाई: 2.5 मि.ली. खेत मिलाएं! प्रति 1 लीटर पानी में अमृत।
जड़/सेट उपचार: 250 मीटर लें! खेती अमृत को 4-5 लीटर पानी में मिलाएं। जितनी जल्दी हो सके आवश्यक बीज बोयें।
सावधानी: जैवउर्वरक की बोतल को ठंडी और सूखी जगह पर रखें। जैव-उर्वरक बोतल पर सीधी गर्मी या धूप से बचें। इस्तेमाल से पहले अच्छी तरह हिलायें।
अनुकूलता: पर्यावरण-अनुकूल और गैर-खतरनाक। जैव-उर्वरक और जैव-कीटनाशकों के अनुकूल।
रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के साथ मिश्रण न करें।