माइकोराइजा कवक और संवहनी पौधे के बीच एक सहजीवी संबंध है जो मिट्टी से पौधे के पोषक तत्वों को आत्मसात कर सकता है और पौधे की पोषक तत्व ग्रहण क्षमता में सुधार कर सकता है।
क्रिया का तरीका: माइकोराइजा प्रकृति में बाध्य और सैप्रोफाइटिक है जिसके अस्तित्व के लिए एक जीवित मेजबान की आवश्यकता होती है। माइकोराइजा पौधों की जड़ के साथ सहजीवी रूप से जुड़ना शुरू कर देता है।
यह पानी, फास्फोरस घुलनशीलता और अन्य आवश्यक मैक्रो और सूक्ष्म तत्वों के अवशोषण में मदद करता है और उन्हें उपभोग योग्य रूप में पौधों को उपलब्ध कराता है।
फ़ायदे:
पौधे की सफेद जड़ की वृद्धि में सुधार करता है और पौधे की वृद्धि और उपज विकास में मदद करता है।
सभी फसलों में फॉस्फेट के अवशोषण और संग्रहण को बढ़ाता है।
मिट्टी और जड़ छल्ली पैरेन्काइमा से जाइलम, फ्लोएम, नाइट्रोजन, पोटेशियम, लोहा, मैंगनीज, मैग्नीशियम, तांबा, जस्ता, बोरॉन, सल्फर और मोलिब्डेनम सी जैसे तत्वों में पोषक तत्व और स्थानांतरण को बढ़ाएं और सुविधाजनक बनाएं।
सूखा, बीमारी का प्रकोप और पोषक तत्वों की कमी जैसी तनाव की स्थिति पर काबू पाने में प्रभावी। फलों और सब्जियों की गुणवत्ता, दिखावट बढ़ाएँ।