अमृत सीएमसी एक अद्वितीय कृषि किण्वन तकनीक है जिसमें पौधों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक माइक्रोबियल कंसोर्टिया, पोषक तत्व और प्रोटीन शामिल हैं।
फ़ायदे:
अमृत सीएमसी वानस्पतिक विकास, तने के आकार, फूल लगने, फल लगने, विकसित होने और जामुन के पकने को बढ़ाता है।
अमृत सीएमसी सूखे, कम तापमान और लवणता जैसी विभिन्न तनाव स्थितियों की सहनशीलता में सुधार करता है।
अमृत सीएमसी उपलब्ध रूपों में आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है और सरंध्रता और जल धारण क्षमता को बढ़ाकर मिट्टी की कठोरता को कम करता है।
उपरोक्त सभी लाभकारी कारकों के कारण फसल की उपज में 10-20% की वृद्धि होगी।
आवेदन की विधि:
200 लीटर जीवामृत में 5 लीटर अमृत सीएमसी मिलाएं और नियमित रूप से हिलाते हुए चार दिनों तक छोड़ दें, फिर प्रत्येक पौधे पर 500 मिलीलीटर तैयार कंसोर्टिया लगाएं।
मृदा उपचार :- 5 लीटर अमृत सीएमसी को 300-400 किलोग्राम अमृत गोल्ड/एफवाईएम के साथ मिलाएं और 1 किलोग्राम/प्रति लीटर डालें।